2014年11月9日星期日 在: 印地语, 诗 1条评论 खामोशी में भी शोर सा है है ये ढलता हुआ सूरज, मगर दिखता सुनहरी भोर सा है, खामोशी में भी शोर सा है, है ये धुँधला कोहरा, मगर दिखता ठंडी ओस सा है, खामोशी में भी शोर सा है, है ये मज़बूत बंधन, मगर दिखता कच्ची डोर सा है, खामोशी में भी शोर सा है| 用电子邮件发送BlogThis!分享到Twitter分享至Facebook
非常好,动人
回复删除