शह로ी जगमग छोड़ कमैंने उगते सूरज की रोशनी ख़रीद ली,
सिनेमा का विकर्षण छोड़ कमैने किताब के पन्नो की खुशबू ख़रीद ली |
अपेक्षा का आसमान छोड़ कमैंने प्रतीक्षा की ज़मीं ख़रीद ली,
कनका दामन छोड़ कमैंने बचपने की अदाएं समेट ली।
रुई का गद्दा त्याग कर मैंने मां की गोद सहज ली,
दिन की दौड़ धूप त्याग कमैंने सांझ की छांव सहज ली |
कोलाहल की ध्वनि नकार कमैंने एक ग़ज़ल ख़रीद ली,
मोबाइल पर दौड़ती अंगुलियों को विराम कमैंने वक़्त की घड़ियां ख़रीद ली।
सुविधाओं की अनंतता का बोध कमैंने सुकून की दो रोटियां ख़रीद ली।
ख्वाहिशों को थोड़ा कम किया मैंने और खुशियां ख़रीद ली।
सुंदर रचना !
回复删除谢谢 :)
删除您的写作能力给我留下了深刻的印象,谢谢您的分享。
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